मुख्य बिंदु:
- शेयर्ड हाउस या साझा घर एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कई असंबंधित व्यक्ति एक साथ रहते हैं।
- बढ़ती जीवनयापन लागतों के बीच कई लोग इस व्यवस्था का चुनाव कर रहे हैं।
- यह बहुत आवश्यक है कि आप प्रॉपर्टी और इसका प्रस्ताव देने वाले व्यक्ति, दोनों का सत्यापन अच्छी तरह कर लें।
जीवनयापन की बढ़ती लागतों के बीच, कई लोग अब शेयर्ड रहने की व्यवस्थाओं का चुनाव कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी विभाग (एबीएस) की परिभाषा के अनुसार साझा घर या शेयर्ड अकोमोडेशन वह गृहस्थी व्यवस्था है जहां दो या दो से अधिक 15 साल से अधिक के असंबंधित व्यक्ति साथ रहते हैं।
फ्लैमटेस एक ऑनलाइन मंच है जहां शेयर्ड अकोमोडेशन ढूंढने वाले व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ सकते हैं। क्लॉडिया कॉन्ले फ्लैमटेस कम्युनिटी मैनेजर हैं।
वे समझाती हैं, "एक शेयर्ड अकोमोडेशन वह घर है जहां ऐसे व्यक्ति रहते हैं जो एक दूसरे से सम्बंधित नहीं हैं, न ही दंपत्ति हैं, एक छत के नीचे रहते हैं, किराया और बाकी बिल साझा भरते हैं, और घर की चीज़ों को आपसे में बाँट कर इस्तेमाल करते हैं।"
It's not only younger people who are seeking shared accommodation. Credit: Klaus Vedfelt/Getty Images
वे कहती हैं, "ऐसा पूर्वाग्रह है कि शेयर्ड घर 35 साल से कम उम्र के लोगों के लिए होते हैं। लेकिन बीते साल में, इस उम्र के लोगों में हमने अपनी वेबसाइट पर 10 प्रतिशत की कमी देखी है, जबकि 55 वर्ष और अधिक के सदस्यों में हमने 10 प्रतिशत की बढ़त देखी है। अपने घर के खाली कमरे को किराय पर चढ़ाने के लिए कई मकानमालिक बाजार में उतर रहे हैं, और इन कमरों से जो हाल में घरों की कीमतें बढ़ीं हैं, उन्हें बराबर करने की कोशिश की जाती है।"
आर्थिक तंगी
बढ़ती जीवनयापन की लगत, यानी कॉस्ट ऑफ़ लिविंग में कई ऑस्ट्रेलियाई लोग अपने खर्चे कम कर सस्ते विकल्प खोज रहे हैं। क्लॉडिया कहती हैं कि बीते दो सालों में बढ़ते ब्याज दर के कारण रहने की यह व्यवस्था बहुत लोकप्रिय हुई है।
वे बताती हैं, "बीते दो सालों में शेयर्ड हाउसिंग की मांग आसमान छू रही है, और मेरा मानना है ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बढ़ती कॉस्ट ऑफ़ लिविंग के साथ-साथ किराये के घरों की भी बेहद कमी हो गयी है। शेयर्ड घर भी लोगों को महंगे पड़ सकते हैं, और इनकी भी अच्छी-खासी कीमत होती हैं, लेकिन पारम्परिक किराये के घर की व्यवस्था से यह सस्ते पड़ते हैं। बल्कि हमारे 85 प्रतिशत उपभोक्ता शेयर्ड घरों में रहते ही आर्थिक तंगी के कारण हैं। लोग इस तरीके से अपना घर या मनचाही जीवनशैली खरीदने के लिए पैसे बचाते हैं।"
आर्थिक तंगी से ग्रस्त लोग ही नहीं, नए प्रवासी जिनके पास किराए के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं होता, इस व्यवथा का चुनाव करते हैं।
Rising cost of living means that more people are seeking to share a house with others. Credit: Rafael Ben-Ari/Getty Images
वे कहते हैं कि साझा घरों को चुनने का एक कारण बाजार में किराए के घरों की कमी भी है। बाजार में प्रतिस्पर्धा अधिक है और यह भी नए प्रवासियों के लिए एक चुनौती है।
"अगर हम एक घर बाजार पर चढ़ाते हैं तो पहले हफ्ते में ही हमें 40 से 100 आवेदन आ जाते हैं। इससे नए प्रवासियों और वे लोग जो अपना घर बेच कर किराए पर रहने जा रहे हैं, के लिए बाज़ार पहुंच से बाहर हो जाता है।"
Navigating the shared housing market can be challenging, especially with the increasing prevalence of scams targeting potential tenants.
पारम्परिक बाजार में साझा घर
वे किरायदार जो पहले ही एक किराए के घर में रह रहे हैं, किसी और को किराया साझा करने के लिए भी अपने मकानमालिक की अनुमति के साथ अपने घर में रख सकते हैं।
"गृहस्थी में एक मुख्य किरायदार , या कई मुख्य किरायदार हो सकते हैं जो व्यवस्था को जुटाए रखने और किराया समय पर देने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। वे ही रियल एस्टेट से भी संपर्क रखते हैं।"
अगर एक मकानमालिक किरायेदारों के साथ एक घर में रहते हैं तो वे सभी बुनियादी ज़रुरीयात को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं।
विशेषज्ञ कैंडल समझाते हैं, "[मकानमालिकों] के पास अलग रसोई और बाथरूम होना चाहिए। इसी के साथ साफ़ - सफाई को लेकर भी कुछ नियम बनाये गए हैं। घर में रहने वाले सभी लोग आपस में मिलकर तय करते हैं कि घर को रहने लायक कैसे बनाना है।"
विवादों का निवारण
शेयर्ड घरों में विवादों का निवारण तुरंत कर लेना चाहिए ताकि घर की शांति और माहौल को अच्छा रखा जा सके।
सुश्री कॉन्ले समझाती हैं, "विवाद में पड़े पक्षों को अपने समझौते से संबंधित सबकुछ लिखित में रखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, आप कितने दिन उस घर में रहेंगे, कितना किराया देंगे, क्या समझौता है, अगर कोई चीज़ टूट जाती है तो क्या होता है: यह सब लिखित में और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित होना आवश्यक है।"
Serious mature couple receive professional advice Credit: JohnnyGreig/Getty Images
शेयर्ड हाउसिंग में घोखाधड़ी
शेयर्ड घरों के बाज़ार को समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब किरायेदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। सुश्री कॉन्ले कहती हैं कि धोखाधड़ी तो होती है, लेकिन इनसे बचा जा सकता है।
"अगर आप किसी से ऑनलाइन संपर्क कर रहे हैं, या कोई आपसे ऑनलाइन संपर्क कर आपको मेलबर्न में एक सुन्दर पेंटहाउस जिससे पूरा शहर दिखता हो, [और] यह पूरा घर फर्निश्ड भी हो, इसमें सभी उपकरण हों और साड़ी सुविधाएं भी उपलब्ध हों, और किराया 200 डॉलर प्रति सप्ताह हो, तो यह अविश्वश्नीय है, और धोखा भी हो सकता है।"
अगर एक व्यक्ति आपसे मिल नहीं रहे, और केवल ऑनलाइन ही सेवा या सामान देने की बात कर रहे हों, तो सावधानी बरतें।
"अगर एक व्यक्ति सेवा या सामान देने की बात कर रहा है पर न मिलने के कई बहाने बना रहा है, तो यह धोखा हो सकता है, और आपको सचेत रहना चाहिए।"
यह भी आवश्यक है कि आप प्रॉपर्टी और जिस व्यक्ति से आप संपर्क कर रहे हैं उनकी पहचान, दोनों का सत्यापन कर लें। यह तब और भी ज़रूरी हो जाता है जब ऑस्ट्रेलिया में नए-नए स्थानांतरित हो रहे हों।
"यह काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ज़ाहिर है कि आप आने से पहले ही रहने की व्यवस्था ढूंढ लेना चाहते हैं। लेकिन हमारे नज़रिये से, किसी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह सबसे सुरक्षित कदम हैं जो आप उठा सकते हैं।"
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