- उनकी फिल्में हंसी-हंसी में गहरी बातें कह जाती थी
- दर्शकों को हंसाते-हंसाते रुलाने का हुनर जानते थे
- बीमार राज कपूर को देख फिल्म आनंद का विचार आया
- देवेन वर्मा जैसे किरदार उनकी फिल्मों में शतरंज के मोहरों की तरह थे
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