मुख्य बातें
- ऑस्ट्रेलिया में अब 30 प्रतिशत घरों में अपने सोलर पैनल लगे हुए हैं।
- दोनों, मकानमालिक और किरायदाए सोलर पैनल लगवा सकते हैं, हालांकि किरायदारों के लिए यह काम समय में उतना फायदेमंद साबित न हो।
- संबंधित छूटें और योजनाएं देश के अलग-अलग राज्यों में उपलब्ध हैं।
साल 2021-22 में पहली बार सौर और वायु ऊर्जा का उत्पादन घरेलू खपत से अधिक हुआ था।
यह दर्शाता है कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने में हरित ऊर्जा की एहमियत क्या है, और राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह लोग सतत ऊर्जा प्रणालियों का रुख कर रहे हैं।
फायदे
पारंपरिक बिजली के मुकाबले यह पाया गया है कि सौर ऊर्जा कहीं सस्ती पड़ती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्वींसलैंड के स्कूल ऑफ़ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस में सहायक प्रोफेसर डॉ आर्ची चैपमैन इस क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। वे कहते हैं कि न ही केवल सौर ऊर्जा सस्ती है बल्कि इससे ग्रिड पर भी कम दबाव पड़ता है।
"सौर ऊर्जा के कुछ फायदे हैं। वे लोग जो घर में सोलर पैनल लगाते हैं, पैसे बचा सकते हैं। यह आपके घर को बिजली देता है, जो आपके घर के उपकरणों में प्रयोग हो सकती है, बजाय कि आप ग्रिड से ऊर्जा खरीदें।"
श्री चैपमैन आगे बताते हैं कि सौर ऊर्जा के और फायदे क्या हैं।
"इसके अलावा दो और भी फायदे हैं। पहला तो यह कि ऑस्ट्रेलिया के उपनगरों में लगीं बिजली के खंबे और लाइनें ओवरलोड की समस्या से ग्रस्त हैं और स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन इस अतिरिक्त भार को कम करता है, खासकर बाहर गर्मी की दिनों में या बड़ी आवश्यकता के दिनों में।"
दूसरा, यह कि सोलर ऊर्जा बिजली उत्पादन का साफ़ तरीका है, जिससे आप पर्यावरण को स्वच्छ रख सकते हैं। एनर्जी ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि कोयला ऑस्ट्रेलिया की 60 प्रतिशत बिजली उत्पादन का स्रोत है।
"ऑस्ट्रेलिया में [बिजली] उत्पादन अब भी कोयला पावर स्टेशनों से ही होता है, और इस निर्भरता को कम करने के लिए जो भी विकल्प हों उन्हें अपनाना चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन पर कार्बन उत्सर्जन के प्रभावों को कम किया जा सके।"
सोलर विक्टोरिया के मुख्य सचिव स्टैन कर्पण का कहना है कि कोयले पर लंबी निर्भरता के बाद अब ऑस्ट्रेलिया धीरे - धीरे सौर ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है।
"हम हरित ऊर्जा में परिवर्तित होने की ओर अग्रसर हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार की प्रतिबद्धता के अनुसार 2035 तक देश की 82 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताएं हरित ऊर्जा से पूरी की जाएंगी। तो यह अब से कुछ दस साल दूर की ही बात है।"
सोलर पैनल अपनाने वालों की संख्या इधर में तेज़ी से बढ़ी है, जिसने सौर ऊर्जा को देश की ऊर्र्जा आपूर्ति के एक बड़े स्रोत के रूप में स्थापित कर दिया है।
वे समझाते हैं कि, "रूफ़ टॉप सोलर अब चालीस लाख ऑस्ट्रेलियाई घरों को ऊर्जा दे रहे हैं, जिसका अर्थ हुआ कि ऑस्ट्रेलिया की 30 प्रतिशत स्वतंत्र घर अब सौर ऊर्जा उपयोग करते हैं।"
Both landlords and tenants have the option to install solar power; however, tenants may find it less advantageous, as the costs are difficult to recoup within a shorter timeframe. Credit: Cavan Images / Robert Niedring p/Getty Images/Cavan Images RF
सोलर कौन लगवा सकता है?
श्री कर्पण कहते हैं कि आम तौरान पर घर के मालिक ही सोलर पैनल लगवाते जिसका फायदा किरायदारों को भी मिलता है।
"अधिकांश मामलों में, घर के मालिक ही सोलर पैनल लगवाते हैं, लेकिन कई उनके लिए प्रकार की छूटें और प्रोत्साहन उपलब्ध हैं। निश्चित रूप से विक्टोरिया और कुछ और राज्यों में भी यह योजना उपलब्ध है। तो मकानमालिक अगर सोलर पैनल लगवा कर किसी को घर किराए पर भी देते हैं, तो किराएदार को इसका फायदा मिलता है।"
वे आगे कहते हैं कि क्योंकि सोलर पैनल की कीमत छोटे समय में पूरी नहीं वसूली जा सकती, इसलिए किरायेदारों को इसे लगवाने का कोई फायदा नहीं रहता है।
"आम तौर पर कोई किराएदार अपने खर्चे पर इन्हें नहीं लगवाता। ऐसा इसलिए क्योंकि सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली कुछ सालों में पूरी व्यवस्था की लगत निकाल पाती है, तो किराएदार का मकानमालिक के साथ कैसा संबंध है उसके आधार पर यह फैसला लिया जा सकता है क्योंकि आम तौर पर एक किराएदार इतने लंबे समय तक एक घर में नहीं रहते।"
Rebates and schemes are available in different Australian states and territories. Source: Moment RF / owngarden/Getty Images
कौनसी छूटें उपलब्ध हैं?
आप अपनी राज्य सरकार की वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध छूट और प्रोत्साहन देख सकते हैं। कॉमनवेल्थ सरकार की वेबसाइट पर आप उपयुक्त छूट ढूंढ सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर सोलर विक्टोरिया रूफटॉप सोलर के लिए 1400 डॉलर की छूट देता है। इसी के साथ चाहे आप मकानमालिक हों या किराएदार, वे आपको चार साल तक का ब्याज-रिक्त =ऋण भी देते हैं। वे सोलर होम बैटरी खरीदने के लिए 8800 डॉलर का एक अलग लोन भी दे सकते हैं।
श्री कर्पण कहते हैं ऐसी ही योजनाएं दूसरे राज्यों में भी उपलब्ध हैं।
"न्यू साउथ वेल्स... साउथ ऑस्ट्रेलिया और क्वींसलैंड में भी ऐसी योजनाएं उपलब्ध यहीं लेकिन आपको अपने राज्य की योजनाओं के लिए शोध करना होगा।"
दुनिया जैसे जैसे कार्बन उत्सर्जन ख़त्म करने की ओर बढ़ रही है, 2050 तक ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों का लक्ष्य नेट उत्सर्जन को शून्य करना है।
पेरिस संधि के अंतर्गत इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाए।
श्री कर्पण कहते हैं, "बिजली के क्षेत्र में बीते 10-15 सालों में कोयले के अलावा दूसरे स्रोतों की तरफ झुकाव बढ़ा है, जिसमें गैस और हरित ऊर्जा शामिल हैं। राष्ट्रमंडल सरकार की प्रतिबद्धता के अनुसार हमारी आज की 30 प्रतिशत बिजली उत्पाद की हरित ऊर्जा पर निर्भरता को 2035 तक 82 प्रतिशत तक लेकर जाना है।
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