ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने स्थानीय भारतीय समुदाय से अनुरोध करते हुए कहा कि, वह भारत में रहने वाले अपने परिवारजनों और दोस्तों को ऑस्ट्रेलिया के जैव सुरक्षा नियमों के बारे में सूचित कर दें ताकि उनके द्वारा भेजे गए उपहार और खाने-पीने का सामान यंहा समय से पहुंच सके।
मुख्य बातें :
- फूल-पत्तियों से बनी राखियां, अनाज और चावल के दानों के साथ-साथ ड्राई फ्रूट को ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा जा सकता है
- दूध से बनी मिठाइयां जैसे की बर्फी, मैसूर पाक, रसगुल्ला, सोनपापडी इत्यादि पर भी रोक है
- कॉटन से बने राखी के धागे, सोने और चांदी के सिक्कें और कृत्रिम फूल को ऑस्ट्रेलिया भेजा जा सकता है
डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर, वाटर एवं एनवायरनमेंट में असिस्टेंट डायरेक्टर, डॉ अजय निरंजने ने एसबीएस हिन्दी से बातचीत में बताया कि फूल-पत्तियों से बनी राखियां, दूध से बनी मिठाइयां जैसे की बर्फी, मैसूर पाक, रसगुल्ला, सोनपापड़ी इत्यादि, अनाज और चावल के दानों के साथ-साथ ड्राई फ्रूट को ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा जा सकता है।
श्री निरंजने ने कहा,
ऑस्ट्रेलिया में आने वाले सभी सामान की जांच एक्सरे मशीनों, खोजी कुत्तों और अधिकारीयों द्वारा की जाती है। हम हर उस सामान को जब्त कर लेते हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया की जैव सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है
"हम उन सभी लोगों से संपर्क करते हैं, जिनके लिए सामान भेजा गया है और उनका सामान जैव सुरक्षा कारणों से रोक लिया गया है। ऐसे में हम लोगों को विकल्प देते हैं कि वह या तो उस सामान को नष्ट करने की हमें अनुमति दे, या फिर उस सामान की गहन जांच करवाए।
"अगर आप गहन जांच करवाना चाहते हैं, तो इसका ख़र्चा आप को ही वहन करना होगा। हो सकता है कि, इस पूरी प्रक्रिया में समय लग जाए और रक्षाबंधन के त्योहार से पहले आप तक सामान पहुंच भी न पाए।"
श्री निरंजने ऑस्ट्रेलिया में ही बने सामान को खरदीने की वकालत करते है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर, वाटर एवं एनवायरनमेंट ने एक प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिए बताया कि, सूती राखी के धागे, प्लास्टिक, फैब्रिक, गोल्ड और सिल्वर बीड्स, सोने और चांदी के सिक्कें, व्यक्तिगत फोटो आइटम, और कृत्रिम फूल ऑस्ट्रेलिया भेजे जा सकते हैं।
हर दिन शाम 5 बजे एसबीएस हिंदी का कार्यक्रम सुनें