ये कहानी माही की है. 9 साल की माही कक्षा 3 की पढ़ाई कर रही हैं. माही तक पहुंचने में हमें मजबूर किया उनके लिखे और गाए एक रैप ने. माही ने गर्ल पावर पर लिखा है.
हमने माही से सवाल किया कि आखिर कैसे उन्होंने सोचा कि वो रैप लिखेंगी. तो माही ने हमें बताया कि उन्हें पोयम लिखने का शौक है. और उन्होंने जो कुछ अच्छा लगता है वो लिखना चाहती हैं. और हां शायद हर बच्चे की तरह माही को भी सुपरहीरोज़ पसंद हैं
लेकिन माही साबित करती हैं कि बचपने में भी समझ होती है. वो जो कर रही हैं, वो जो लिख रही हैं उसके मायने उन्हें बखूबी पता हैं. जैसे कि हमने उनसे पूछा कि गर्ल पावर के मायने उनके लिए क्या हैं? माही कहती हैं.
मेरे लिए गर्ल पावर का मतलब सिर्फ लड़कियों की ताक़त से ही नहीं है बल्कि इससे भी है कि लड़कियां क्या कुछ कर सकती हैं और दूसरों से अलग कर सकती हैं.
हालांकि माही की विज्ञान में भी काफी दिलचस्पी है. और एक दिन वो वैज्ञानिक बनना चाहती हैं. और पब्लिक स्पीकर भी और रैपर भीमाही के माता पिता आईटी क्षेत्र में काम करते हैं. लेकिन क्रिएटिव क्षेत्र में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं. 12 साल पहले वो भारत के महाराष्ट्र राज्य से यहां आए थे. माही का एक भाई भी है. माही के शौक के बारे में उनकी मां पूनम सहस्त्रबुद्धे बताती हैं कि उनके घर में क्रिएटिव माहौल का असर भी माही पर पड़ा इसके अलावा माही को किताबें पढ़ने का भी शौक है.
Source: Supplied/ Poonam Sahasrabuddhe
ये सवाल शायद आपके मन में भी होगा कि क्या माही किसी भी तरह के दबाव में है कि उनके माता पिता क्रिएटिव क्षेत्र में सक्रिय हैं तो उन्हें भी कुछ करना है. इसके जवाब में पूनम कहती हैं कि ये माही का शौक है और उसके सपनों को पंख देने के लिए वो बस उसकी मदद करते हैं उसे वो माहौल देते हैं जिसमें वो आसानी से अपने शौक पूरे कर पाए.लोगों की प्रतिक्रिया के बारे में वो कहती हैं कि उनके लिए और उनके आस-पास के लोगों के लिए वो एक सामान्य बच्ची की तरह ही हैं. हालांकि वो कहती हैं कि बच्चों के सपनों को पूरा कराने की वो पूरी कोशिश करेंगे. जहां तक उन्हें लगेगा कि वो पूरी तन्मयता से अपने काम में लगे हैं.
Source: Supplied/ Poonam Sahasrabuddhe