पुण्यतिथि विशेष: महात्मा गाँधी एक नाम नहीं विचार हैं

Indian President unveils Gandhi statue

Source: AAP Image/ Mark Metcalfe/Pool Photo via AP

सत्य और अहिंसा के उपासक महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।


30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

उनके मुंह से निकले अंतिम शब्द थे 'हे राम' 

भारत की आज़ादी के लिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के खिलाफ कई आंदोलन किए थे और इसी कारण महात्मा गांधी को कई बार जेल जाना पड़ा था।  

नमक सत्याग्रह महात्मा गांधी द्वारा चलाये गये प्रमुख आंदोलनों में से एक था।  महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 में अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था. दांडी मार्च जिसे नमक मार्च या दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है।

महात्मा गांधी की पुण्‍यतिथि के मौके पर पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर कहते है कि अहिंसा और सत्‍य के मार्ग पर चलने वाले बापू के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी। बापू ने समझायाथा कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। बापू आज भले ही हमारे बीच न हों, लेकिन उनके विचार आज भी देश और दुनिया को दिशा देते हैं।

मेलबोर्न में प्रोफेसर और कवि सुभाष शर्मा का कहना है कि महात्मा गांधी की शवयात्रा को आजाद भारत की सबसे बड़ी शवयात्रा कहा जाता है।  गांधी जी को अंतिम विदाई देने के लिए करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे। 

अब हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है और बापू को श्रद्धांजलि दी जाती है। 




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