भारत, दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दुनिया के प्रसिद्ध रंगमंच संस्थानों में जाना जाता है। इस संस्थान के पूर्व छात्रों ने रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में अपने काम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने कहा कि इस साल वार्षिक उत्सव में 'विश्व जन रंग' भी शामिल होगा, जो भाषा की सीमाओं से परे सभी सात महाद्वीपों के प्रवासी भारतीयों द्वारा, इस उत्सव में एक लघु नाटक के माध्यम से वर्चुअल भागीदारी करने का एक अवसर है।
Students rehearse for a performance Credit: Jupiterimages/Getty Images
ऋषि भरत मुनि द्वारा मुख्य रूप से संस्कृत श्लोकों में लिखा गया नाट्यशास्त्र (नाट्यशास्त्र) प्रदर्शन कलाओं पर एक प्रामाणिक भारतीय ग्रंथ है। विद्वानों का मानना है कि यह 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व का है।
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त्रिपाठी ने कहा, प्रवासी थियेटर ग्रुपस् को इसमें भाग लेने के लिए जरूरी नहीं कि वह एक मंचीय प्रस्तुति दें। समय सीमा को ध्यान में रखते हुये, कलाकार एक पेशेवर पटकथा-पठन अभ्यास को भी भेज सकते हैं।चितरंजन त्रिपाठी, निदेशक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली भारत
Director of National School of Drama, Delhi, India Credit: NSD / Chetna Vashisht
'इस वर्ष हमारा महोत्सव समावेशी है, जिसमें लिंग आधारित हाशिए पर पड़े समुदायों और विभिन्न आयु समूहों - वृद्ध या बच्चों सहित समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो रहा है, साथ ही लोक रंगमंच, नुक्कड़ नाटक, आदिवासी या खुले मंच जैसे रंगमंच के विविध रूपों का भी प्रतिनिधित्व है। तो इस महोत्सव में समाज का शायद ही कोई वर्ग होगा जो छूटा हो।'
त्रिपाठी ने आगे कहा कि भारत रंग महोत्सव 2025 में नौ अलग-अलग देशों की 200 से अधिक प्रस्तुतियाँ भी होंगी और प्रदर्शन भारत में 11 अलग-अलग स्थानों और श्रीलंका और नेपाल में भी आयोजित किए जाएँगे।
Seen here are Actor Paresh Rawal (Left) with other artists and NSD director Chitranjan Tripathi (Right) during the festival 2024 Credit: NSD/Chetna Vashisht
इस वर्ष, यह अपने 'भारत रंग महोत्सव' की रजत जयंती मना रहा है। इस वार्षिक महोत्सव की शुरुवात 1999 में तत्कालीन निदेशक राम गोपाल बजाज द्वारा हुई थी।
यह महोत्सव 28 जनवरी, 2025 को दिल्ली में शुरू हुआ और यह भारत के विभिन्न स्थानों पर 16 फरवरी, 2025 तक चलेगा।
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