जब दुनिया भर में भारतीय मूल के लोग दशहरा और दिवाली की तैयारियाँ करते हुए मिठाईयाँ खा रहे थे, तब मेलबोर्न के मिक्की पांडे अपने शरीर के ‘फैट लेवल’ को 5 प्रतिशत पर ले जा कर सिक्स पैक बॉडी को ऐट पैक में बदलने में लगे थे।
मिक्की कहते हैं कि उस दोपहर को वे भूल नहीं सकते, ख़ास तौर पर इसलिए क्योंकि उस दिन दिवाली का पर्व था मैंने अपनी बेटी को वायदा किया था की मैं दिवाली गिफ्ट के तौर पर उसके लिए ट्रॉफी लाऊँगा।“बॉडीबिल्डिंग बेहद अनुशासन वाला खेल है, इसमें आपका परिवार साथ न दे तो शायद इसके लिए किये जाने वाले समझौतों के साथ जीना मुश्किल हो जाता है।”
भारतीय ऑस्ट्रेलियाई मिक्की पांडे बने (IFBB) बॉडीबिल्डिंग के नेशनल चैंपियन Source: Supplied
नेशनल चैम्पियन के तौर पर अपने नाम की घोषणा के समय मिक्की पांडे रो पड़े।
वो कहते हैं कि मेरे पास हारने को ऑप्शन ही नहीं था।
“मैंने एक्सपीरियंस लेने के लिए तैयारी नहीं की थी, मैं अपने दोस्तों से कहता था कि मेरे पास हारने का कोई एक्सक्यूज़ ना रहे इसलिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ सकता था।”ऐसा नहीं कि मिक्की ने अचानक बॉडीबिल्डिंग शुरू कर दी। दरअसल वे भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देशों के सर्टिफाइड बॉडीबिल्डिंग ट्रेनर भी हैं।
भारतीय ऑस्ट्रेलियाई मिक्की पांडे बने (IFBB) बॉडीबिल्डिंग के नेशनल चैंपियन Source: Supplied
“ये मेरा पैशन है, इसी के लिए मैं भारत से ऑस्ट्रेलिया आया। अब इस मुकाम पर पहुंच कर ऑस्ट्रेलिया में भारत का और दुनियाभर में दोनों देशों का नाम रौशन करना चाहता हूँ।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ बॉडीबिल्डिंग एंड फिटनेस की नेशनल चैम्पियनशिप जीतने वाले को अगले साल की अर्नोल्ड क्लासिक या ओलम्पिआ लेवल चैम्पियनशिप में खेलने का मौका मिलता है, जिसमें दुनिया भर के बॉडीबिल्डर हिस्सा लेते हैं।
“मेरी बस एक ही तमन्ना है कि अगले साल मैं अर्नोल्ड क्लासिक खेलूँ और ऑस्ट्रेलिया में प्रो कार्ड हासिल करने वाला पहला भारतीय ऑस्ट्रेलियाई बन जाऊँ।”