करोना के कारण मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के मौके पर आमतौर पर परिचित भी पीछे हट गए क्यूंकि करोना संक्रमण का खतरा हर जगह था। इसके अलावा अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों पर भी पाबन्दी लग गई।
लेकिन जोधपुर के रहने वाले नवीन पुरोहित ने ऐसे समय में बड़ी हिम्मत का काम किया।
मुख्य बातेंः
- जोधपुर के रहने वाले नवीन पुरोहित ने अकेले 350 अंतिम संस्कार किए।
- उन्होंने सरकारी गाइडलाइंस का पालन किया लेकिन अपनी भी परवाह नहीं की।
- साथ में उन्होंने इनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना भी की।
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सुनिए, नवीन पुरोहित की कहानी, उन्हीं की जबानीः
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जोधपुर के आइसक्रीम बेचने वाले ने किए 350 अंतिम संस्कार
SBS Hindi
08/02/202104:52
नवीन पुरोहित ने अकेले 350 करोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया। ये एक ऐसा क्षण था जब अपने भी पराये हो गए थे। लेकिन नवीन ने हिम्मत से काम लिया और सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप इतनी बड़ी संख्या में करोना पॉजिटिव लोगों का दाह संस्कार संपन्न किया।इसके साथ ही उन्होंने इनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना भी की।
नवीन पुरोहित Source: Supplied by Naveen Purohit
नवीन की जोधपुर में छोटी सी परचून की दुकान है लेकिन काम उन्होंने बहुत बड़ा करके समाज में एक सन्देश दिया है।
इस काम में हिचकिचाहट भी थी और एक अनजान सा डर भी। लेकिन नवीन ने समस्त सावधानियां लेते हुए इसको बखूबी अंजाम दिया। वैसे तो वह 800 से ज़्यादा लोगों का अंतिम संस्कार लॉकडाउन से अब तक कर चुके हैं लेकिन करोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार करना एक चुनौती थी।
ऐसा नहीं था कि नवीन को डर नहीं लगता था। और उनके घर वाले भी चिंतित थे। लेकिन जब नवीन ने उनसे बात की और अपने काम और उसकी ज़रूरत के बारे में बताया तो वे लोग राज़ी हो गए।
सही मायने में नवीन पुरोहित एक करोना योद्धा हैं। स्थानीय स्तर पर उनको कई सम्मान भी दिए गए हैं।