संगीत की दुनिया से भी बढ़े मदद के हाथ

Concert for bushfire survivals

Source: Supplied / Cole Bennetts

बुशफायर की तबाही के बाद ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न समुदायों के लोग मदद के लिए सामने आ रहे हैं. संगीत से जुड़े लोगों ने भी बुश फायर से प्रभावित आदिवासी लोगों की मदद के लिए एक समारोह का आयोजन किया.


बुशफायर की तबाही के बाद बारिश फरिश्ता बन कर आई है. हालांकि कई इलाकों में बारिश भी आम लोगों के लिए मुसीबत बन कर टूटी है. और मुसीबतों के इस दौर में प्रभावितों को दरकार है तो बस एक बात की और वो है अपनापन, और जिनका नुकसान हुआ है उनको आर्थिक मदद की.

ज़ाहिर है सरकारें मुआवज़ा देकर मदद कर रही हैं लेकिन इस मदद में स्वयसेवी संगठनों और आम लोगों का भी कम योगदान नहीं है. लोग दुनिया भर से आर्थिक मदद दे रहे हैं. आस्ट्रेलिया में तो आर्थिक मदद एकत्रित करने के लिए आयोजन तक किए जा रहे हैं.
Concert for bushfire survivals
Source: Supplied / Cole Bennetts
ऐसा ही एक संगीत के शो आयोजन सिडनी के एनमोर थिएटर में आयोजित किया गया था. जिसमें बिंदी बॉसेज़, थंडामेंटल और हरमिट्यूड जैसे समूह शामिल थे. इनमें एक कलाकार थीं भारतीय मूल की श्यामला ईश्वरन. जिनसे हमने बात की इस आयोजन और उसके मक़सद के बारे में. श्यामला बताती हैं कि ये आयोजन फर्स्ट नेशन समुदाय के उन लोगों के लिए रखा गया था जो कि बुश फायर में प्रभावित हुए थे.

श्यामला बताती हैं कि क्योंकि मक़सद मदद करना था इसलिए कलाकारों ने इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लिया. अब हमने श्यामला से जानना चाहा कि वो इस आयोजन से कैसे जुड़ीं ? और जब उन्हें पता चला कि उन्हें भी इस कार्यक्रम में शामिल होना है उस वक्त उनके क्या ख़यालात थे.
Concert for bushfire survivals
Source: Supplied / Stuart Bucknell
ज़ाहिर हैं श्यामला के खयालात से हर वो शख्स इत्तेफ़ाक रखता होगा. जिसे ज़रा भी अंदाज़ा होगा कि इस आग ने देश भर में कितना नुकसान किया है. लेकिन ये सवाल भी तो वाजिब है कि जब कार्यक्रम संगीत का था तो आखिर श्यामला ने क्या प्रस्तुति दी. श्यामला कहती हैं कि इस कार्यक्रम में उन्होंने फ्यूज़न साउथ एशियन नृत्य पेश किया.

श्यामला कहती हैं कि सरकार अगर चाहती है कि वास्तविक तौर पर हालात सामान्य हों तो उन्हें विभिन्न समुदायों की बातों को सुनना चाहिए जिनमें फर्स्ट नेशन समुदाय भी प्रमुख है. श्यामला मानती हैं कि कला के ज़रिए ना केवल पैसे एकत्रित किए जा रहे हैं बल्कि कला के ज़रिए लोगों का मानसिक बल भी मिलता है साथ ही ये तबाही की कहानियों को प्रभावी तरीके से कहने का भी एक बड़ी ज़रिया है.


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