सबसे पहली जानकारी तो ये कि ब्रिस एशिया का ये आयोजन 1 फरवरी से ब्रिसबेन में चल रहा है और ये इस महीने के अंत तक जारी रहेगा.
ब्रिस एशिया का क्या मक़सद हैं और इस आयोजन में किस तरह के कार्यक्रम शामिल हैं इस बारे में बात करने के लिए हमने बात की ब्रिस एशिया के कम्यूनिटी प्रोग्राम प्रोड्यूसर पवितर नूरी से. पवितर बताते हैं कि ब्रिसएशिया का मक़सद है कि लोग एक दूसरे को जान सकें और इस आयोजन के ज़रिए एशिया देशों की संस्कृति को भी समझने का उन्हें मौका मिले.किस तरह के कार्यक्रम लुभा रहे हैं लोगों को
Source: Supplied / Lily Lovell
पवितर बताते हैं कि ब्रिसएशिया में होने वाले कार्यक्रमों को अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है. ताकि लोगों को उनमें शामिल होने और उन्हें समझने का मौका मिल सके. यहां छात्रों के अलावा, कलाकारों और समाज के दूसरे लोगों को भी कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है. श्री नूरी कहते हैं कि ब्रिसएशिया में डांस, पॉप म्यूज़िक, सिप एंड पेंट, और ब्रिसएशिया टॉक्स जैसे आयोजन रखे गए हैं.
चलिए जानते हैं कुछ पवितर नूरी के बारे में आखिर कैसे वो इस तरह के आयोजन से जुड़े ? वो बताते हैं कि भारत से वो साल 2005 में न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च पहुंचे थे. जहां उन्होंने शिक्षा से संबंधित काम किया साथ ही उन्होंने वहां कुछ सामाजिक कार्यक्रमों की भी शुरूआत की. साल 2016 में वो क्वींसलैंड रहने के लिए आए और यहां भी उन्होंने होली जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया.पवितर नूरी कहते हैं कि ब्रिस एशिया में लोगों को न केवल अलग-अलग संस्कृतियों को समझने का मौका मिलता है बल्कि चर्चाओं के ज़रिए अपनी बातें रखने का भी मौका मिलता है. साथ ही आपको यहां एशिया के अनेकों खानों का संगम भी देखने को मिलेगा.
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