बदलते दौर में किस ठौर है सूफ़ी संगीत

Farhan Shah_Sufi Singer

Source: Supplied

सूफ़ी गायक फरहान शाह मानते हैं कि सूफ़ी संगीत एक सदाबहार फूल है. लेकिन फिर भी सवाल ये है कि क्या इस फूल के बागीचे अब भी लहलहा रहे हैं. दुनिया को इंसानियत का संदेश देने वाली संगीत की इस विधा के कल, आज और कल पर क्या कहते हैं फरहान शाह?


फरहान शाह एक सूफी गायक हैं और कुछ दिन पहले ही एडिलेड में आयोजित 'जयपुर लिटरेचर फैस्टिवल' में एक संगीत भरी शाम सजाकर लौटे हैं. वहां पर अपनी पेशकश के बारे में बात करते हुए वो कहते हैं कि वो खुशकिस्मत हैं कि इस साहित्य समारोह में उन्हें मौसिकी और सूफी संगीत को लोगों तक पहुंचाने का मौका मिला वो बताते हैं कि उन्होंने सुबह सवेरे सुने जाने वाले संगीत को इस आयोजन में तवज्जो दी.
Farhan Shah_Sufi Singer
Source: Supplied
इस सवाल पर कि क्या बदलते दौर में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए सूफ़ी गायकी को भी बदलने की ज़रूरत है? फ़रहान कहते हैं कि सूफी गायकी एक सदाबहार फूल है. वो कहते हैं
सूफ़ी गायकी, उसके क़ायदे, उसके प्रिंसिपल, उसकी पॉइट्री (कविता) नहीं बदलते हैं लेकिन दौर बदलने के साथ लोगों का टेस्ट, लोगों के समझने की शक्ति बदलते रहती है.
ज़ाहिर है फ़रहान मानते हैं कि सूफी संगीत को सुनाने के तरीकों में भी कुछ बदलाव होते रहते हैं. और दूसरे तरीके के संगीत के साथ सूफी संगीत का मेलजोल भी बढ़ रहा है.
Farhan Shah_Sufi Singer
Source: Supplied
फरहान कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में लोगों की सूफी गायकी को लेकर समझ के वो क़ायल हैं. वो कहते हैं कि न केवल यहां लोगों को गायकी की समझ है बल्कि उसके इतिहास और संदेशों से भी वो अच्छी तरह वाक़िफ हैं. 

फरहान मानते हैं कि संगीत की इस विधा को हर जगह शामिल किए जाने की ज़रूरत है क्योंकि ये केवल संगीत ही नहीं बल्कि मानवता का संदेश भी है. 

 


Share