69 साल की उम्र में, सुनील एबट 2011 में ऑस्ट्रेलिया आये थे। भारत में उन्हें व्यवसाय चलाने का अनुभव तो था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सिस्टम और उसकी सेवाओं के काम करने के तरीके का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने बिना झिझक और किसी डर के वयस्क शिक्षा के माध्यम से तकनीकी और व्यवसायिक कुशलता हासिल की।
अब वह मेलबर्न के दो व्यस्त रेस्तरां चलाते है, और अभी भी एक पेशेवर शेफ सम्बन्धित एक और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने वाले हैं।
अपने अनुभव से और बुजुर्ग प्रवासियों के सामने आती कठिनाइयों को देखते हुये उन्होंने कुछ सालों पहले पश्चिमी मेलबर्न में क्लब- 60 का गठन किया।
Members of Club-60 celebrating Independence Day of India Source: Supplied / Sunil Abbott
“इसमें कोई शक नहीं कि बच्चों और पोते-पोतियों के साथ रहने से उन्हें खुशी मिलती है। लेकिन ज़्यादातर समय वे घर पर अकेले रह जाते हैं। इसलिए हमने इस क्लब को बनाया है और इसमें अब 500 से अधिक सदस्य हैं।'' श्री एबट ने कहा।
Club 60 members playing Badminton Source: Supplied / Sunil Abbott
"सप्ताह में तीन दिन हमारे सदस्यों के लिये बेडमिन्टन क्लब का विकल्प है। हमारे ५० से भी अधिक सदस्य नियमित रूप से खेलते हैं। क्रिकेट का भी आयोजन होता है। हम विक्टोरिया के पर्यटक शहरों के लिए ट्रेन और बस यात्राएं भी आयोजित करते हैं। "
Club 60 ladies on a day out Source: Supplied / Sunil Abbott
Club 60 members celebrating a festival Source: Supplied / Sunil Abbott
क्लब 60 के सदस्य समय समय पर मुख्य धारा के कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं।
Club 60 members on a community service day Source: Supplied / Sunil Abbott
इसके साथ ही श्री सुनील एबट कहते हैं, " क्लब की वजह से सभी वरिष्ठ नागरिक न केवल सक्रिय और व्यस्त रहते हैं ब्लकि उन्हें बहुत ही खुशी मिलती है। उन्हें अकेलापन लहीं है। जब वह खुश हैं तो घर का माहौल अपनेआप खुशनुमा रहता है।"
Source: Supplied / Sunil Abbott