ऑस्ट्रेलिया का बहुसांस्कृतिक समाज दुनिया के लिए अपने आप में एक मिसाल है. यहां कई देशों से आए लोग अनेकों धर्मों के लोग, अनेकों भाषाएं बोलने वाले लोग एक साथ मिल जुल कर रहते हैं.. लेकिन कुछ बातें ऐसी भी हैं जो कि समाज पर दाग की तरह हैं. एक ऐसा ही दाग है घरेलू हिंसा का.. हालांकि इस दाग को धोने की ज़िम्मेदारी भी समाज ने ही उठायी है और कुछ लोग इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं.
मुख्य बातें:
- वैस्टर्न सिडनी मल्टीकल्चरल हेल्थ सर्विस कुछ संस्थाओं और कलाकारों के साथ मिलकर घरेलू हिंसा के प्रति समुदाय को जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक का सहारा लिया है.
- सिडनी में घरेलू हिंसा के मामले में काम करने वाली संस्था हरमन फाउंडेशन सहित कई स्वयंसेवी कलाकार इस मुहिम का हिस्सा हैं.
- समुदाय से मिल रही अच्छी प्रतिक्रियाओं को देखते हुए इन नाटकों को आगे भी जारी रखने की योजना है.
सिडनी में हरमन फाउंडेशन की संस्थापक हरिंदर कौर कहती हैं कि उनकी संस्था और कई दूसरी संस्थाएं और विशिष्ट लोग पिछले 3 वर्षों से वेस्टर्न सिडनी मल्टीकल्चरल हेल्थ सर्विस के साथ मिलकर घरेलू हिंसा पर एक ख़ास कार्यक्रम चला रहे हैंवो कहती हैं कि इस कार्यक्रम के तहत उन्होंने समुदाय के विभिन्न वर्गों के घरेलू हिंसा पर विचार जानने के लिए महिलाओं, पुरुषों, युवाओं और बुज़ुर्गों से संपर्क किया.
A play on Domestic Violence Source: Harinder Kaur
इस कार्यक्रम में वैस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय भी एक भागीदार था हरिंदर कौर बताती हैं कि विश्वविद्यालय के साथ किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि यहां रहने वाले भारतीय समुदाय में लैंगिक असमानता है.
हरिंदर कौर बताती हैं कि यूं तो घरेलू हिंसा के बारे में लोगों को जागरुक करने के प्रयास लगातार चलते रहते हैं लेकिन इस बार लोगों को इसका प्रभाव समझाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का सहारा लिया गया है. जिसमें कि उनकी संस्था की भी योगदान रहा.घरेलू हिंसा पर तैयार किए नाटक को सबसे पहले ब्लैकटाउन के अस्पताल के ऑडिटोरियम में किया गया था. और ये सिलसिला जारी है. ये नाटक अभी तक अंग्रेज़ी और पंजाबी में किए जा रहे हैं.
Source: Harinder Kaur
हरिंदर कौर बताती हैं कि घरेलूं हिंसा पर बने इस नाटक की इस कहानी को इस तरह लिखा गया है कि कई पीड़ित लोगों को लगता है कि ये उनकी ही कहानी है.
हरिंदर बताती हैं कि इस नाटक को मूर्त रूप देने का काम कला के क्षेत्र में पहचान रखने वाले लोगों ने किया है. जिनमें इस नाटक के निर्देशक नील बनर्जी शामिल हैं.
नाटक को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. ऐसे में इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए इसे हर महीने अलग-अलग इलाकों में किया जाएगा. जिनमें सिडनी का हैरिस पार्क भी शामिल है.हरिंदर कौर कहती हैं कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला भारतीय समाज अपनी संस्कृति और संस्कारों पर गर्व करने वाला समाज है. और इसलिए उन्हें घरेलू हिंसा के खिलाफ भी आगे आना होगा.
Source: Harinder Kaur
घरेलू हिंसा से संबंधित मदद पाने के लिए आप 1800Respect को 1800 737 732 पर संपर्क कर सकते हैं.