बृहस्पति और शनि का यह दुर्लभ संयोग पिछले कुछ दिनों से चल रहा है।
प्रत्येक रात, दोनों ग्रह एक-दूसरे के करीब दिखाई दे रहे हैं और इन्हें बिना किसी यंत्र की सहायता से आंखों से ही देखा जा सकता है।
खास बातेंः
- अगली बार ऐसा मिलन 2080 में देखने को मिलेगा।
- जुपिटर को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लगभग 12 साल और शनि को लगभग 30 साल लगते हैं।
- दोनों ग्रहों को एक दूसरे के सामने से गुज़रने में लगभग 20 साल लगते हैं।
एसबीएस हिंदी के साथ बात करते हुए एनएसडब्ल्यू विश्वविद्यालय में रिसर्च फेलो सुश्री अंशु गुप्ता ने इस दुर्लभ संयोजन के बारे में बताया।
सोमवार, 21 दिसंबर को, दोनों ग्रह केवल 0.1 डिग्री अलग होंगे।
एक-दूसरे से लाखों मील दूर ये ग्रह हमारे सौर मंडल में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
सुश्री गुप्ता ने बताया कि बृहस्पति को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 12 साल लगते हैं और शनि को लगभग 30 साल लगते हैं।
दोनों ग्रहों को एक-दूसरे के सामने से निकलने में लगभग 20 साल लगते हैं।
सुश्री गुप्ता ने समझाया, "चूंकि वे हमारे दृष्टिकोण से आसमान में ये पंक्तिबद्ध हैं, इसलिए वे एक ही बड़े सितारे की तरह दिखाई देंगे।"
सुनिए, अंशु गुप्ता के साथ यह बातचीतः
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21 दिसंबर 2020: बृहस्पति और शनि का महामिलन
SBS Hindi
21/12/202006:58
दुनियाभर में हर कोई आसमान में बृहस्पति और शनि के इस मिलन का इंतजार कर रहा है।
21 दिसंबर 2020 के बाद, नये वर्ष जनवरी 2021 के दौरान भी ये दोनों ग्रह अपनी परिधि में धीरे-धीरे दूर होते जाएंगे लेकिन फिर भी दोनों ग्रह नज़दीक दिखते रहेंगे।क्या यह 2020 का क्रिसमस स्टार है ?
Planet Jupiter (brighter and in front) and Saturn (right) as seen on 18th Dec 2020 at St Kilda beach, Melbourne. Source: Anita Barar
सुश्री गुप्ता ने कहा कि चूंकि यह खगोलीय स्थिति क्रिसमस के इतने करीब हो रही है, इसलिए इसे क्रिसमस स्टार भी कहा जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार, यीशु के जन्म पर, उस समय आकाश में तेजी से चमकते एक तारे ने ही, तीन बुद्धिमान महानों को यीशु के जन्म का स्थान दिखाया था।
"खगोलविदों को लगता है कि वह उज्ज्वल सितारा, यही एक महान संयोजन हो सकता है," सुश्री गुप्ता ने कहा।
इससे पहले, करीब 400 साल पहले भी यह दोनों ग्रह इसी तरह कुछ इतने ही पास महसूस हुए थे, लेकिन सूर्य के प्रकाश के कारण दिखाई नहीं दे रहे थे। लेकिन लगभग 800 साल पहले, इन ग्रहों के संरेखण को, इस महान संयोजन को देखा गया था।
21 दिसम्बर के दिन इस महासंजोयन को दुनिया भर में सूर्य ढ़लने के बाद देखा जा सकेगा। और यह दशा सिर्फ एक घंटे तक ही देखी जा सकेगी, उसके बाद ये ग्रह ढ़ल जाएंगे।