गायत्री साल २००३ से अपने खयाल और क्लासिकल गायन से दुनिया भर में लोगों का दिल जीतते आ रही हैं। और इंडिया कल्चरल सेंटर में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
गायिकी में दिखी भारत की बहुआयामी संस्कृति
ये पूरा कार्यक्रम भारत में संतों की गीत और गायन शैली पर आधारित था। नाम दिया गया था “Sacred Songs of Hindustan- A Thematic concert”। गायित्री ने जैसे ही मीराबाई के कृष्ण प्रेम के गीत के साथ गायन की शुरूआत की मानो हर कोई झूमने लगा।
होली पर आधारित गीत ने भी दर्शकों का मन मोहा। कार्यक्रम का एक और मुख्य आकर्षण रहा संत लालेश्वरी का कश्मीरी भाषा का गीत। जिन्हें उनके संदेश “वक्श” के लिये जाना जाता है।
इसके आलावा कार्यक्रम में मलयालम, कन्नड़, असमी, मराठी और बंगाली भाषाओं के मशहूर क्लासिकल गीतों को शामिल किया गया।
कौंसुल जनरल ने कार्यक्रम को सराहा
कौंसुल जनरल बी. वनलालवावना ने कार्यक्रम की सराहना की और लोगों से आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों में शिरकत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने में सहायक होते हैं।