सिडनी के ब्लैकटाउन का दीवाली मेला, यहां पंजाब का भंगड़ा और गिद्दा था, अलग अलग परिधानों में सजे बच्चे और युवा थे तो नव रात्रि के मौके पर रावण की अट्टहास को चुनौती देते रामचंद्र जी तीखे तेवर भी थे. लेकिन इन सबको कोई अगर चुनौती दे रहा था तो वो थी बारिश.
सुबह के वक्त तेज़ बारिश से लग रहा था की दीवाली का ये उत्सव कुछ फीका पड़ जाएगा. कार्यक्रम शुरू तो हो गया था लेकिन आम लोगों की कम संख्या आयोजकों को चिंतित करने लगी थी. लेकिन दोपहर तक मौसम ने करवट ली और माहौल कुछ ऐसा खुशनुमा हुआ कि सैकड़ों की तादात में लोग यहां पर एकत्रित हो गए.एसबीएस भी पहुंचा आम लोगों के बीच
Source: Gaurav Vaishnava
एसबीएस की ओर से भी यहां पर एक स्टॉल लगाया गया था जहां स्टॉल में आने वाले लोगों की मुफ्त फोटो खींची जा रही थी, साथ ही उनसे बातचीत की जा रही थी. मक़सद था और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भाषाई कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचाना. ज़ाहिर है ज्यादातर लोग एसबीएस के कार्यक्रमों के बारे में जानते थे, लेकिन जो नहीं जानते थे उन्हें खुशी हुए कि उनकी भाषा में उन्हें ऑस्ट्रेलिया में कार्यक्रम सुनने, पढ़ने और देखने को मिल सकते हैं. एसबीएस के रेडियो एप के प्रति भी लोगों ने खासा उत्साह दिखाया, जब उन्हें पता चला कि एप डाउनलोड करके वो न सिर्फ अपने फोन पर लाइव रेडियो कार्यक्रम सुन सकते हैं बल्कि बाकी कार्यक्रमों का लुत्फ़ भी ले सकते हैं.अपनी संस्कृति को देखने और दिखाने का मौका
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इस तरह के मेलों की ख़ास बात ये होती है कि लोग इन आयोजनों के ज़रिए अपनी संस्कृति को जीना चाहते हैं. उनके पास मौका होता है कि वो भारत से बाहर पैदा हुए बच्चों को वहां की संस्कृति के बारे में बता सकें. एक और ख़ास बात यहां ये दिखी कि कई लोग अपने ऑस्ट्रेलियन, चाइनीज और दूसरे देशों से ताल्लुक रखने वाले दोस्तों को यहां लेकर आए थे ताकि वो अपनी संस्कृति के बारे में उन्हें बता सकें.
ये ही बात थी खाने को लेकर भारतीय खाने के अलग अलग पांडाल भारतीय मूल के लोगों को ही नहीं बल्कि दूसरे देशों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को भी आकर्षित कर रहे थे.डांस प्रतियोगिता ने मोहा लोगों का मन
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मेले के केंद्र में रहा डांस प्रतियोगिता का मंच जहां बहुत छोटे बच्चों से लेकर युवाओं तक ने अपने डांस प्रस्तुत किए. जिनमें भारत के अलग अलग राज्यों के नृत्य शैली की झांकी मिली तो लगा बॉलीवुड का तड़का भी और अंत में जीता वो जिसने दी सबसे अच्छी प्रस्तुति